Supply Curve:Explanation
Supply curve is a graphical representation of direct relationship between quantity demanded and price of a commodity.
Direct relationship between quantity and price shows that the producer is willing to sell more in high price and vice versa.
Demand curve is for consumers and supply curve for producers.Please don't get confused between stock and supply.Producers wants to have more stock in less cost but supply curve shows that he wants to sell more in high price and less in low price.
In figure, at higher price P1 the seller is willing to sell larger quantity Q1 and at lower price P, the seller is willing to sell lesser quantity Q.This shows direct relationship of supply curve.
पूर्ती वक्र :व्याख्या
पूर्ती वक्र वस्तु को विक्रेता उसके मूल्य के सीधे सम्बन्ध में बेचना चाहता है इसको प्रदर्षित करते है। इसका अर्थ है की कोई भी विक्रेता वस्तु अगर महॅंगी बिकेगी तो ज़्यादा और अगर सस्ती बिकेगी तो कम मात्रा में बेचना चाहेगा।
मांग वक्र ग्राहकों के लिए होता है और पूर्ती वक्र विक्रेताओं के लिए। कृपया भंडार और पूर्ती में भ्रमित ना हो। विक्रेता कम लागत पर ज़्यादा भंडार ज़रूर बनाना चाहेगा लेकिन यहाँ हम वह ज़्यादा दाम पर ज़्यादा और कम दाम में कम मात्रा बेचना चाहेगा की बात कर रहे है।
कृपया तस्वीर ऊपर से देखें।
तस्वीर में पूर्ती वक्र में सीधा सम्बन्ध दिखाया गया है। ज़्यादा दाम P1 पर विक्रेता ज़्यादा मात्रा Q1 बेचना चाहेगा और कम दाम P पर कम मात्रा Q बेचना चाहेगा।
Supply curve is a graphical representation of direct relationship between quantity demanded and price of a commodity.
Direct relationship between quantity and price shows that the producer is willing to sell more in high price and vice versa.
Demand curve is for consumers and supply curve for producers.Please don't get confused between stock and supply.Producers wants to have more stock in less cost but supply curve shows that he wants to sell more in high price and less in low price.
पूर्ती वक्र :व्याख्या
पूर्ती वक्र वस्तु को विक्रेता उसके मूल्य के सीधे सम्बन्ध में बेचना चाहता है इसको प्रदर्षित करते है। इसका अर्थ है की कोई भी विक्रेता वस्तु अगर महॅंगी बिकेगी तो ज़्यादा और अगर सस्ती बिकेगी तो कम मात्रा में बेचना चाहेगा।
मांग वक्र ग्राहकों के लिए होता है और पूर्ती वक्र विक्रेताओं के लिए। कृपया भंडार और पूर्ती में भ्रमित ना हो। विक्रेता कम लागत पर ज़्यादा भंडार ज़रूर बनाना चाहेगा लेकिन यहाँ हम वह ज़्यादा दाम पर ज़्यादा और कम दाम में कम मात्रा बेचना चाहेगा की बात कर रहे है।
कृपया तस्वीर ऊपर से देखें।
तस्वीर में पूर्ती वक्र में सीधा सम्बन्ध दिखाया गया है। ज़्यादा दाम P1 पर विक्रेता ज़्यादा मात्रा Q1 बेचना चाहेगा और कम दाम P पर कम मात्रा Q बेचना चाहेगा।
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